संवाददाता : गोड्डा, झारखंड
बाजार नियामक सेबी ने अदाणी समूह और उसके चेयरमैन गौतम अदाणी को हिंडनबर्ग रिसर्च के आरोपों से बरी कर दिया है। सेबी ने बृहस्पतिवार, 18 सितंबर को जारी दो अलग-अलग आदेशों में कहा कि उसे इस मामले में कोई गड़बड़ी नहीं मिली।
सेबी ने बताया कि नियामक को मामले में कोई उल्लंघन नहीं मिला। उसने कहा कि उस समय असंबंधित पक्षों के साथ किए गए लेनदेन संबंधित पक्ष सौदे के रूप में योग्य नहीं थे, क्योंकि संबंधित पक्ष लेनदेन की परिभाषा का विस्तार 2021 के संशोधन के बाद ही किया गया था।
नियामक ने यह भी स्पष्ट किया कि कर्ज ब्याज सहित चुकाए गए थे और कोई धनराशि नहीं निकाली गई थी। इसलिए, कोई धोखाधड़ी या अनुचित व्यापार व्यवहार नहीं हुआ।
इन निष्कर्षों के आधार पर, अदाणी समूह के खिलाफ सभी कार्यवाही रद्द कर दी गई हैं।
जनवरी 2023 में हिंडनबर्ग रिसर्च ने आरोप लगाया था कि अदाणी समूह ने तीन कंपनियों - एडिकॉर्प एंटरप्राइजेज, माइलस्टोन ट्रेडलिंक्स और रेहवर इन्फ्रास्ट्रक्चर - का उपयोग अदाणी समूह की
कंपनियों के बीच पैसा भेजने के माध्यम के रूप में किया। हिंडनबर्ग ने दावा किया था कि इससे अदाणी समूह को संबंधित पक्ष लेनदेन के नियमों से बचने में मदद मिली, जिससे संभवतः निवेशकों को गुमराह किया गया।
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