झारखंड के गोड्डा जिला स्थित ईसीएल ललमटिया कोयला खदान से प्रभावित गांव लोहंडिया बाजार के सैकड़ों ग्रामीणों ने बिजली की मांग को लेकर लोहंडिया के बड़ी पोखर में जल सत्याग्रह करने के लिए उतर गए है। ग्रामीणों का कहना है की मूल मांग हमलोगों का बिजली है। आस पास के कई गांवो को ईसीएल की फ्री बिजली मुहैया कराई गई है। लेकिन कोयला खदान से सबसे अधिक प्रभावित गांव लोहंडिया बाजार है जो की यहां के लोग खदान की हेवी बालस्टिंग धूल मिट्टी और कई बीमारियां झेलने को मजबूर है।
इसके बावजूद ईसीएल की मनमानी के चलते अब तक ईसीएल की बिजली लोहंडिया बाजार को मुहैया नहीं कराई गई है। जल सत्याग्रह से पूर्व में ग्रामीणों ने 27 जून को ईसीएल की दफ्तर पहुंचकर ज्ञापन सौंपाकर 14 दिनो का अल्टीमेटम दिया था। ग्रामीणों का कहना है की अगर ईसीएल टाइम के साथ बिजली मुहैया नहीं कराती है तो ईसीएल कोयला खदान में चल रहे कार्यों को ठप कर दिया जायेगा। ग्रामीणों का कहना है जब से ईसीएल स्थापित हुआ है तब से ईसीएल के मनमानी के चलते ईसीएल से प्रभावित गांव लोहंडिया बाजार को मूलभूत सुविधाओं से वंचित रखा गया है। जबकि ईसीएल और लोहंडिया बाजार की दूरी काफी नजदीक है।
ईसीएल के खनन क्षेत्र से लोहंडिया बाजार की दूरी तकरीबन 20 से 30 मीटर की है। गांव से सटे कोयला खदान में 400 से 500 फिट तक खाई बनाकर ईसीएल उत्खनन का कार्य कर रही है। गांव के सभी कुआं और और चपाकल सुख गया है। जिससे जल संकट उत्पन हो गई है। यहां के लोगो का कहना है। की न पीने के लिए सुध पानी है। और न स्वास लेने के लिए सुध हवा। ईसीएल की हेवी बालस्टिग से गांवो में पत्थर उड़ कर आने लगा है। घर में दरारें आने लगी है, डर से लोग घर से बाहर निकल जाते है। ग्रामीणों ने कहा की यहां के कोयला से पूरा भारत जगमगा रहा है। और यहां के स्थानीय प्रभावित लोग अंधकार में जीने को मजबूर है। ग्रामीणों का कहना है। ईसीएल में सौंपे गए ज्ञापन के अनुसार अगर 14 दिनो के अंदर बिजली लोहंडिया बाजार में मुहैया नहीं कराई गई तो 15 वे दिन हमलोग सब मिलकर ईसीएल का चक्का जाम कर उग्र आंदोलन करेंगे।
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