उन्होंने कहा कि पूर्व की भारतीय दंड संहित 1860 में कुल 511 धारायें थी जो अब भारतीय न्याय संहिता 2023 में 358 धारायें हो गई है, भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता में कुल 484 धारायें थी जो भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता 2023 में 531 धारायें तथा पुराने भारतीय साक्ष्य अधिनियम में 167 धाराओं थी जो अब नये भारतीय साक्ष्य अधिनियम 2023 में 170 धाराएं हो गई हैं। मुख्य धाराये जैसे 379 आईपीसी अब 303 बीएनएस, 302 आईपीसी अब 103 बीएनएस , 363 आईपीसी अब 139 बीएनएस , 376 आईपीसी अब 64 बीएनएस , 354 आईपीसी अब 74 बीएनएस , 304 बी आईपीसी अब 80 हो गई है।
इंस्पेक्टर मधुसूदन मोदक ने कहा कि पुराने कानून में दंड को महता दिया गया था इसलिए कानून का नाम भारतीय दंड संहिता एवं दंड प्रक्रिया संहिता रखी गई थी परंतु अब सरकार आम नागरिकों के हितों की बात करती है इसलिए कानून का नाम भारतीय न्याय सहिंता एवं भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता रखी गई है। पुराने व नए कानून में दंड ओर न्याय का अंतर है। इस बैठक में थानाक्षेत्र के कई गणमान्य व्यक्ति उपस्थित थे।
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