अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद गोड्डा जिला द्वारा हेमंत सरकार के झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक 2023 पर प्रेस वार्ता किया गया। प्रेस वार्ता में मौजूद अभाविप गोड्डा के जिला संयोजक सुमित कुमार ने कहा की विधेयक के प्रावधान देशद्रोह, पोक्सो, एससी/एसटी अत्याचार निवारण कानून से भी ज्यादा ताकतवर और खतरनाक हैं । इस कानून में भर्ती परीक्षाओं पर सवाल उठाने वाले अभ्यर्थियों पर 10 साल की सजा का प्रावधान किया गया है जो कहां तक उचित है? किसी भी अधिकारी को किसी भवन, स्थान, जलयान, वायुयान या यान में जहां उन्हें संदेह होगा वो प्रवेश और तलाशी ले सकते है. किसी दरवाजे, बॉक्स, लॉकर, सेफ, आलमारी या गोदाम का जहां चाबियां उपलब्ध नहीं होगी. इन शक्तियों का प्रयोग करते हुए ताला तोड़ सकते हैं । इस कानून में यह प्रावधान लाया जा रहा है कि किसी भी ऐसे व्यक्ति के विरूद्ध प्रथम सूचना रिपोर्ट (FIR) दर्ज करने के लिए किसी प्रारंभिक जांच की आवश्यकता नहीं होगी। बिना जांच के किसी को भी गिरफ्तार किया जा सकता है। एक बार झारखंड प्रतियोगी परीक्षा विधेयक 2023 लागू हो जाये, तो कोई भी परीक्षार्थी सरकार के खिलाफ कोई आवाज नहीं उठा सकेगा।
विद्यार्थी परिषद इस काले कानून का विरोध करती है । ये छात्रों को जेल भेजने के लिए लाया गया है। उनका करियर तबाह कर देगा। भ्रष्ट एवं बेईमान अफसर इस घटिया क़ानून की आड़ में राजनैतिक टूल की तरह इस्तेमाल होकर बदले की भावना से किसी के घर में घुसेंगे और किसी को भी उठाकर जेल भेज देंगे। हेमंत सोरेन अपने खिलाफ़ उठ रहे जनता की आवाज़, आक्रोश एवं असंतोष को दबाने के लिए ये काला कानून लेकर आए हैं। झारखंड की जनता समझदार है। मेरी लोगों से अपील है कि इस काले क़ानून का तीव्र विरोध करें। प्रेस वार्ता में नगर मंत्री सुमित मंडल, जिला सोशल मीडिया प्रभारी रौशन शुक्ला व कला मंच संयोजक मुस्कान कुमारी उपस्थित रही।
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