ललमटिया से प्रखंड मुख्यालय बोआरीजोर होते हुए साहिबगंज और पाकुड़ को सीधा जोड़ने वाली मुख्य सड़क की हालत बेहद गंभीर हो गई है। ताजी तस्वीर झारखंड के कोल परियोजना क्षेत्र ललमटिया का है। जहां राहगीरों ने ईसीएल को दोषी करार देते हुए कहा कि जिला प्रशासन के मिली भगत से ईसीएल प्रबंधन नियम कानून को ताक पर रख कर काम कर रही है। ऐसे में इस सड़क से गुजरने वाले राहगीर और वाहन के साथ बड़ी दुर्घटना हो सकती है। राहगीर मुकेश कुमार दत्ता ने राज्य के मुख्य मंत्री से लेकर सांसद, विधायक को दोषी ठहराया है। इस सड़क से प्रतिदिन ट्रकों के साथ साथ बाइक ऑटो सहित पैदल राहगीरों का आना जाना लगा रहता है। अगर किसी तरह के अनहोनी हुई तो लोग सीधे सौ फीट गहरे खदान में चले जायेंगे।
लोगो ने बताया की यहां तकरीबन 3 महीना पूर्व ही खदान मे गिरकर एक नाबालिक की मौत हो चुकी थी जिसका शव तलाशने मे एनडीआरएफ को 3 दिन का लंबा वक्त लगा था। वही सड़क की हालात ऐसी हो चुकी है कि कभी भी किसी के साथ बड़ी दुर्घटना घट सकती है। लेकिन इसे देखने वाला न तो ईसीएल का कोई पदाधिकारी है और न ही जिलाप्रशासन। अगर हम बात करे ओपन कोल परियोजना में सुरक्षा की तो , सुरक्षा के नाम पर यहां खुली लुट मची हुई है। लोगो ने बताया की राजमहल कोल परियोजना के द्वारा बनाए जाने वाले ज्यादातर गाईडवाल या सड़क में बालू की जगह स्टोन डस्ट का प्रयोग किया जाता हैं। जिस कारण बनने के साथ ही निर्माण धाराशाही होने लगता हैं। साथ ही लोगो ने यह भी बताया की सड़क किनारे खादान होने के बावजूद भी अगर देखा जाए तो कुछ जगहों को छोड़कर ज्यादातर जगह कोई सुरक्षा घेरा नही हैं। जहां से आमलोगों के साथ चारा की तलाश मे पशुओं को खदान में गिरने की संभावना बनी रहती हैं। राजमहल कोल परियोजना क्षेत्र में चल रहे कार्यों की जांच सीएमडी तक शिकायत करने के बावजूद नही होती, उनका कमीशन तय कर मामला को रफा दफा कर दिया जाता है।
अब भू विस्थापित और प्रभावित लोग राजमहल कोल परियोजना में बड़ रहे गड़बड़ी की जांच सीबीआई या ईडी से कराने की मांग कर रहे है। इस मसले पर बीजेपी के पूर्व प्रदेश अध्यक्ष ताला मरांडी ने कहा की माइंस एरिया के बगल मे बसडीहा भेरंडा के बीच सड़क की जो स्थिति बनी हुई है वो बेहद खतरनाक और जानलेवा है कभी भी यहां लैंड स्लाइडिंग हो सकती है और जान माल का बड़ा नुकसान संभव है।
Post a Comment