राजमहल परियोजना ने जमीन को देशहित के लिए अधिग्रहण कर लिया। और देशहित के लिए हंसते हंसते हिजुकिता - ख के रैयतो ने सारा जमीन ईसीएल राजमहल परियोजना लालमटिया को दे कर खुद भूमिहीन हो गए। गांव के पूर्नवास के लिए ईसीएल प्रबंधन 50 प्रतिशत घर का मुआवजा देते हुए। ग्राम बलिया व रबियाडीह में बसाने का प्रक्रिया प्रारंभ किया। बावजूद ईसीएल प्रबंधन आज तक गांव को पुर्नवास नहीं किया। और न ही जमीन के बदले प्रबंधन रैयतों को नौकरी और मुआवजा दिया।
ऐसे में ग्रामीणों का कहना है। की ईसीएल को जमीन देने के बाद हमलोग भूमिहीन हो गए है। और हमलोग का जमीन में ईसीएल अपना ओसीपी बनाकर राज कर रही है। भूख हड़ताल पर बैठे ग्रामीणों का मुख्य मांग है की जहां पर पूर्व में ईसीएल हिजुकिता - ख को पुर्नावास करने के लिए जमीन चयन की थी उसी जगह गांव को पुर्नवास किया जाए। हड़ताल पर बैठे ग्रामीण में हरिशंकर महतो, अर्जुन प्रसाद महतो, रामसुंदर महतो, शिवनारायण महतो,कुमोद कुमार महतो, टुंपा देवी वार्ड सदस्य, इंदु देवी, रीता देवी, जगदीश महतो, मुन्ना रमानी आदि लोग मौजूद थे।
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