इन दिनों झारखंड के गोड्डा के तापमान में बढ़ोतरी होती जा रही हैं। जिले का तापमान बड़कर 45 डिग्री सेल्सियस से पार कर रहा है। ऐसे में काम कर के खाने कमाने और मजदुरी करने वाले लोगो पर काफी असर पड़ रहा है। हांलकी सबसे बड़ा सवाल है की आखिर गोड्डा में ही अधिक तापमान क्यू। इन दिनों गोड्डा में अधिकतर संख्या में पेड़ कटते व जंगलों का विनाश करते देखा जा रहा है। कहीं माइंस के कारण तो कहीं बड़े बड़े चट्टानों को तोड़ने का कारण तो कहीं फोर लाइन के कारण पेड़ कटते नज़र आ रहा है। और जंगलों का विनाश होता जा रहा है। वही आज गोड्डा के बोआरीजोर से एक खबर निकल कर सामने आ रही है। जहां प्रखंड क्षेत्र लीलातरी 1 पंचायत अंतर्गत खैरबानी मौजा स्थित खुलेआम जंगलों में बड़े-बड़े चट्टानों को तोड़ने का सिलसिला जारी है। वही इस मामले पर बोआरीजोर  प्रखंड क्षेत्र प्रमंडल, महागामा गोड्डा वन कर्मी से जानकारी ली गई तो उन्होंने बताया कि विभाग द्वारा ही कच्चा चेक  डैम  निर्माण हेतु कार्य में पत्थरों को खापाया जाएगा। 



एक तरफ सरकार पर्यावरण को बचाने के लिए करोड़ों रुपए खर्च कर रही है।तो वही दूसरी तरफ अधिकतर संख्या में पेड़ की कटाई व जंगलों का विनाश जारी है। इस मामले पर न तो वन विभाग गंभीर है और न ही जिले वरीय अधिकारी, ऐसे मामले पर वन विभाग के जिला पदाधिकारी DFO से जानकारी ली गई तो उन्होंने कहां की इस मामले पर हमे अब तक कोई जानकारी नहीं है। जानकारी मिलते ही कार्यवाही की जाएगी,ऐसे में कहा जा सकता है। की वन विभाग की लापरवाही के कारण चट्टानों को तोड़ने के कर्म में जंगल में कई पेड़ पौधे को काटे गए है। चट्टानों को तोड़ने का आदेश जरूर किसी ने दिया होगा तभी तो इन मजदूरों के द्वारा पहाड़ों के अंदर पत्थर तोड़ने का काम किया जा रहा है। यहां पर खुलेआम एनजीटी का उल्लंघन किया जा रहा है। पहाड़ नदी जल जंगल को बचाने के लिए सरकार के द्वारा कई तरह के नियम कानून बनाई गई है। लेकिन यहां वन विभाग के द्वारा पहाड़ के खनिज व जंगलों का दोहन किया जा रहा है। पहाड़ के चट्टानों को तोड़ने के लिए डेटोनेटर का इस्तेमाल किया जाता हैं आपने देखा होगा या तो सुना होगा। 




लेकिन यहां पर डेटोनेटर व बारूद का इस्तेमाल न कर आग से हिट कर बड़े बड़े चट्टानों को तोड़े जा रहे है। सायद चट्टानों को तोड़ने का सटीक तरीका यहीं हो सकता है। क्योंकि इस तरीके से पत्थर तोड़ने पर किसी तरह का बारूद या आवाज नहीं होती है। और यहीं वजह है। की इस बढ़ती तापमान में भी आग से हिट कर पत्थर तोड़ने का काम बिना किसी खौफ के खुलेआम चल रहा है।

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