बोआरीजोर प्रखंड से कई ऐसे मामले देखने को मिल रहा है। लागतार सोशल मीडिया में खबरें सुर्खियों में है। वही ऐसा ही मामला बोआरिजोर प्रखंड के केंदुआ पंचायत से सामने आ रही है। जहां मनरेगा योजना में अंतर्गत संझली टुडू के जमीन पर सिचाई कूप निर्माण होना था, कार्य के एवज में कुल राशि- 252883 का निकासी हुआ है। उक्त राशि में एक लाख 22 हजार मेटेरिल का पैसा निकाल लिया गया है। वही मिली जानकारी के मुताबिक खुदाई का निर्माण कार्य पूरा हुआ भी नहीं और मेटेरियल का पैसा निकासी कर लिया जाता है। अब आप समझ गए होंगे की गोड्डा के बोआरीजोर में कैसे भ्रष्टाचार चरम सीमा पर है।
मिली जानकारी के मुताबिक मुख्या और पंचायत सचिव का डिजिटल सिग्नेचर का गैर कानूनी तरीके से इस्तेमाल कर पैसा की निकासी कर ली जाती है। अब सबसे बड़ा सवाल पंचायत के मुखिया और पंचायत सचिव पर खड़ा हो रहा है। आखिर मुख्या व पंचायत सचिव के बिना आदेश के राशि का भुगतान हुआ तो हुआ कैसे। क्या मुख्या, रोजगार सेवक व पंचायत सचिव के मिलीभगत से यह कार्य को अंजाम दिया गया है। और बोआरीजोर ब्लॉक के जेई ,एई , बीपीओ और ब्लॉक के प्रखंड विकास पदाधिकारी साहब आखिर कहा थे। क्या इन लोगो की भी मिली भगत से ऐसा कार्य को अंजाम दिया जाता है। हालंकि यह जांच का विषय है।
वही सोशल मीडिया में खबरें चलने के बाद अन्न फानन में योजना को सुरू करवाया। वही हाल ही में बोआरीजोर प्रखंड के कुसबिल्ला पंचायत के कुशुमघाटी गांव से ऐसा मामला प्रकाश में आया था। जिसमे से कार्य से पूर्व ही एक लाख 26 हज़ार मटेरियल का पैसा गबन कर लिया गया था। हालंकि लगातार ऐसा मामला प्रकाश में आने के बावजूद भी प्रखंड व पंचायत के कर्मी पर कोई कार्यवाही नहीं की जाती है। जिससे साफ पता चलता है की सभी के मिली भगत से ऐसा कार्य को अंजाम दिया जाता है। वही फोन लाइन के द्वारा बोआरीजोर प्रखंड विकास पदाधिकारी राजीव कुमार से बात चीत के द्वारण उन्होंने जांच कर कार्यवाही की बात कही है। अब देखना दिलचस्प होगा की ऐसे मामले पर कार्यवाही होती है या नहीं।
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