।                     भीख मंगाने को मजबूर मासूम बच्चे 


बिहार की राजधानी पटना से हैरान करने वाली खबर सामने आई है, जहां अचानक एक युवक ने खेल रही बच्ची को थप्पड़ लगा देता है और गाली-गलौज करता है, जिससे बच्चे की आंखों से आंसू टपकने लगता है। लेकिन डर के वजह से बच्ची रो भी नहीं पा रही थी. सोमवार दोपहर करीबन ढाई बजे पटना जंक्शन परिसर स्थित महावीर मंदिर के पीछे का दृश्य है, जहां कुछ बच्चे खेल रहे थे. युवक ने उनमें से सबसे बड़ी लड़की को थप्पड़ मारकर कहा, ''एतना गड़िया चल गेलै, आ तू सब खेलित हे. इतनी गाड़ियां चली गईं और तुम लोग यहां खेलने में मस्त हो.'' यह देखकर साफ लग रहा था कि उन्हें इस कड़ी धूप में भीख मांगनी पड़ी है, लेकिन वे बच्चे वहीं छांव की तलाश में खेल रहे थे. न्यूज स्टेट के मुताबिक ये सभी बच्चे जंक्शन के पास कार में सवार लोगों से और आने-जाने वालों से भीख मांगते हैं.

साथ ही जंक्शन परिसर से मुख्य मार्ग तक ऐसे ही एक दर्जन बच्चे मंडराते रहते हैं. उन बच्चों में उस युवक का खौफ साफ देखा जा सकता है. मार पड़ने के बाद आंखों में आंसू लिए तीन बच्ची  अन्य बच्चों के साथ एक कार के पीछे भीख मांगने चली गई जहां कार का दरवाजा खटखटाकर कुछ पैसे देने की गुहार लगा रही थी. महावीर मंदिर के मुख्य द्वार के पास एक महिला के साथ एक अन्य लड़की भी थी. जब कार वाले ने दस रुपये लड़की को दिए तो उसने आकर महिला को सौंप दिया. उन बच्चों से यह जानने की कोशिश की गई कि उनसे यह सब कौन करवाता है, तो वे डर गए, लेकिन बहुत कोशिश पर एक बच्चा राजी हो गया और उसने बताया कि वह दिन भर भीख मांगकर सारा पैसा अपने भाई को देता है, जब सवाल किया गया की वो भैया कौन है? ये पूछने के बाद सारे बच्चे ने चुप्पी साध ली. सभी बच्चों के आंखों से यह बया हो रहा था की डर से बताना नहीं चाहता या उसे उसके बारे में पूरी जानकारी नहीं है. इतना तो साफ हो गया कि इन सबका प्रभारी कोई न कोई भाई है, जिसे भीख मांगकर सभी पैसे भाई को देने पड़ते हैं, कमाता नहीं है तो मार खाने से डरता है. वह लड़की यह सोचकर रो रही थी कि अगर उसे भीख  में पैसे नहीं मिले तो उसको जमकर मारा जाएगा.

इस पूरे मामले पर एक बच्चे ने बताया कि, ''तबीयत खराब होने पर भी भैया उनलोगों को यहां भेजता है, जो नहीं आना चाहता, उसे खाना नहीं देता है और बहुत मारता भी है.'' जब दो-तीन बच्चे और उसे बात करते देखे तो वो भी आ गए और वे पूछने लगे कि क्या हुआ? जो बच्चा भैया के बारे में बता रहा था, उससे कहा कि ''भैया देख लेतउ त मार के पटरा कर देतउ.'' इससे साफ हो गया कि भीख न देने पर उन बच्चों के साथ मारपीट भी की जाती है. उसकी बातें सुनकर बच्चा वहां से भाग गया. जेपीओ गोलंबर से लेकर आर ब्लॉक से लेकर ओवरब्रिज के नीचे तक इन बच्चों को कितनी भी डांट क्यों न पड़े, इन पर कोई असर नहीं पड़ता है. कई बच्चे तो शरीर से चिपक जाते हैं, जिससे साफ जाहिर होता है कि उन्हें मार का डर है कि पैसे लेकर नहीं गए तो मार पड़ेगी और खाना भी नहीं मिलेगा। 

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