देश में विपक्षी दलों की एकता की मुहिम के तहत बिहार राज्य के सीएम नीतीश कुमार आज झारखंड के मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन से रांची में करेंगे मुलाकात। नीतीश कुमार जनता दल यूनाइटेड के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह के साथ विशेष विमान से दोपहर बाद साम को रांची पहुंचेंगे। शाम साढ़े पांच बजे बिहार सीएम नीतीश कुमार और झारखंड सीएम हेमंत सोरेन एक साझा प्रेस कांफ्रेंस को भी संबोधित करेंगे । नीतीश कुमार जेएमएम के केंद्रीय अध्यक्ष और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के पिता शिबू सोरेन से भी औपचारिक भेट मुलाकात कर सकते हैं।
नीतीश और हेमंत की मुलाकात के बाद ही राज्य में एक नए राजनीतिक समीकरण के विकास के संकेत साफ दिख रहा हैं। नीतीश कुमार की पार्टी जनता दल यूनाइटेड झारखंड में झामुमो की अगुवाई वाले सत्तारूढ़ गठबंधन का हिस्सा बन सकती है।
जदयू झारखंड में भी अपने क्षेत्र में पार्टी को विस्तार की कोशिशों में जुटा है। इसी रणनीति के तहत कुछ महीने पहले नीतीश कुमार ने झारखंड के मांडू क्षेत्र के पूर्व विधायक खीरू महतो को बिहार से राज्य सभा भेजा जिसके बाद उन्हें झारखंड में पार्टी का अध्यक्ष भी बनाया गया। पिछले दिनों पहले खीरू महतो ने हेमंत सोरेन से मुलाकात की थी। इसके बाद जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष राजीव रंजन उर्फ ललन सिंह ने भी झारखंड के रांची पहुंचकर सीएम हेमंत सोरेन के साथ मीटिंग रखी थी।
सीएम हेमंत सोरेन भाजपा के खिलाफ एक मजबूत गठबंधन की हिमायत करते रहे हैं। वे केंद्र सरकार और भाजपा पर लगातार निशाना साधते हैं। यह तय माना जा रहा है कि आने वाला लोकसभा चुनाव के पहले ही नीतीश की अगुवाई में कोई गठबंधन आकार लेता है, तो झारखंड मुक्ति मोर्चा भी इसमें सहभागी हो सकता है। झारखंड में लोकसभा की 14 सीटें हैं, जिनमें से 12 पर भाजपा का कब्जा दिख रहा है। झामुमो के पास लोकसभा की सिर्फ एक सीट है। जदयू का साथ मिलने से झामुमो को कम से कम चार लोकसभा सीटों पर लाभ मिल सकता है।
2024 के लोकसभा चुनाव के बाद झारखंड में विधानसभा के चुनाव भी होना हैं। इसको लेकर भी झारखंड मुक्ति मोर्चा की तैयारियां चल रही हैं। नीतीश की पार्टी जदयू का कोइरी-कुर्मी जाति के बीच बड़ा जनाधार माना जाता है। झारखंड में भी इन दोनों जातियों की खासी आबादी बताया जाता है। जदयू अगर झारखंड में झामुमो की अगुवाई वाले गठबंधन का साथी बनता है, तो इससे दोनों दलों को लाभ हो सकता है।
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