राजमहल कोल परियोजना ईसीएल के प्रभावित गांव हिजुकिता 'ख' के ग्रामीण अपनी मांगों को लेकर धरना पर बैठ गए हैं। ग्रामीणों ने बताया कि हिजुकिता 'ख' गाँव के जमीन में लगभग 40 वर्ष पूर्व राजमहल ओसीपी का शिलान्यास हुआ था। जमीन देशहित में ईसीएल के द्वारा अधिग्रहण कर लिया गया है और देश के विकास के लिए हँसते हँसते हिजुकिता 'ख' के ग्रामीणों ने अपना अपना सारा जमीन राजमहल परियोजना को दे कर खुद भूमिहीन हो गये। गाँव का पुर्नवास हेतु प्रबंधन हर प्रक्रिया को
पूर्ण कर लेने के पश्चात् 50 प्रतिशत घर का मुआवजा देते हुए ग्राम रबियाडीह और बलिया का जमीन में बसाने हेतु प्रक्रिया आरम्भ किया, बाबजुद प्रबंधन आज तक हिजुकिता 'ख' गाँव का पुनर्वास नही
किया, और धीरे- धीरे ग्रामीणों का समस्या बढ़ते-बढ़ते अम्बार हो गया।
आज तक ईसीएल प्रबंधन द्वारा समस्या का समाधान हेतु किसी भी प्रकार का पहल जमीन के बदले नौकरी एवं मुआवजा प्रबंधन के
द्वारा पूर्ण रूप से नही दिया गया। राजमहल परियोजना का उम्र 40 वर्ष पूर्ण हो गया। आज तक हिजुकिता 'ख' के एक भी बेरोजगार युवक को रोजगार नही दिया, और न बचा हुआ जमीन सेननौकरी देना चाहती है। इतना ही नही हिजुकिता 'ख' के विभिन्न जमाबंदी के जमीन से प्रबंधन के
अन्य व्यक्तियों को नौकरी दे दी है। जो गलत ही नही अन्याय है।
हिजुकिता ‘ख’ ग्रामीण का पूर्व में हर मुलभुत सुविधा था। जैसे पोखर, श्मशान घाट, काली मंदिर, बजरंगवली मंदिर, शिव पार्वती मंदिर, मण्डली, गोवचर जमीन सहित मैदान था। जो
राजमहल परियोजना के द्वारा अधिग्रहण करने के उपरांत कोयला निकाल कर मिटटी को डंप कर दिया गया । जिससे हिजुकिता 'ख' के निवासी सारे सुख सुविधा से वंचित हो गए। प्रबंधन की कूटनीति रवैया से हिजुकिता 'ख' ग्रामीणों का वर्तमान स्थिति अत्यंत ही दयनीय हो गयी है। ग्रामीण कभी भी रोजगार या पेट भरने हेतु अन्य जगहों पर पलायन करने को मजबूर है। समय रहते प्रबंधन के द्वारा जमीन से नौकरी, मुआवजा एवं प्रबंधन के मिलीभगत से दुसरे व्यक्तियों वो दिए हुए नौकरी को वापस कर सही जमाबंदी रैयत को नौकरी देने से ग्रामीण राहत महसूस कर सकती है।
समझौता पत्रांक संख्या 479, दिनांक 8 मार्च 2021 का प्रबंधन के द्वारा अमल नही करना पहले से भी दुखद है। प्रबंधन को अनेक बार पुनर्वास एवं ईसीएल के द्वारा उत्पन्न समस्याओ का निदान हेतु आग्रह किया जा चूका है प्रबंधन के द्वारा निदान नही किया गया। ईसीएल प्रबंधक कोल इंडिया के नियम को ताख में रख कर हिजुकिता 'ख' के ग्रामीणों को डरा धमका कर साजिश के तहत गाँव के चारो तरफ अन्य लोगो को बसाया जा रहा है। जिससे ग्रामीणों को घर से निकलना तक दूभर हो गया है। जबकि पूर्व से ही गावं के तीनो तरफ अन्य लोगो को बसाया गया है। ग्रामीण सारा जमीन देने के बाद भूमिहीन है। हमारे ही जमीन में अन्य लोगो को हर सुख सुविधा दी जा रही है। जो गलत है। विकाश के नाम से आज तक हिजुकिता 'ख' ग्रामीण परियोजना का कुछ नही जानती है। ग्रामीण इसका विरोध करते है।
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