ललमटिया के भिरेंडा में रविवार को किया गया बैठक, बैठक में उपस्थित सुभाष हेंब्रम (आदिवासी अधिकार मंच राज्य कार्यकारी अध्यक्ष),एहतेशाम अहमद (राज्य सचिव मंडल सदस्य cpim), अधिवक्ता एनाम अहमद एवं पूर्व विधायक ताला मरांडी उपस्थित थे। 



वही बैठक में एहतेशाम अहमद ने कहा की ईसीएल प्रबंधन के द्वारा 19 जनवरी को जबरन लाठीचार्ज किया गया और जबरन भूमि अधिग्रहण का मामला उठाया गया। जब की किसी रयैत को पहले नोटिस नही किया गया था। ईसीएल ने आउटसोर्सिंग कंपनी मां अम्बे और बिरला सहित जिला प्रशासन  को मिलाकर कर ये कार्यवाही की गई है। इसमें राज्य सरकार और केंद्र सरकार  को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा की अनुसूचित क्षेत्र में बिना ग्रामसभा किए ईसीएल के द्वारा जमीन अधिग्रहण की गई है। और ग्राम प्रधान को डिसमिस कर झूठे मुकदमें में फसाकर जेल भेजने की बात भी कही जा रही है। 


वही cpim सचिव ने कहा कि इस क्षेत्र के लोगो ने भूमि बचाव संघर्ष मोर्चा बनाया है। और फैसला लिया है की आठ फरवरी को अंचल आधिकारी के पास  दस्तक देकर धरना प्रदर्शन किया जायेगा। और 16 फरवरी को जहां 16 आदिवासी 1942 के आंदोलन में झंडा फहराते हुए शहीद हुए थे। उसी शाहिद स्थब पर 16 फरवरी को गोड्डा के अंदर धरना किया जाएगा। और इस लड़ाई में कई संगठन सहित तमाम लोग मिलकर इस लड़ाई को जारी रखेंगे। वही cpim राज्य सचिव ने राज्य सरकार को घेरते हुए कहा कि राज्य में आदिवासी सरकार है। और अब तक इस मामले पर एक भी बयान सामने नहीं आया। 



अगर समय रहते राज्य सरकार इस मामले पर ध्यान नहीं देंगे तो खतियानी जोहार चलाते रहिए। जब खतियानी रयैत रहेगा ही नही तो सरकार के खतियानी जोहार सुनेगा कौन, अगर खतियानी जोहार को चलाना चाहते है तो खतियानी रयैत को बचाये।

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