बसंतराय थाना व बालू माफिया के सांठगांठ से चलती है अवैध बालू का कारोबार

जी हां गोंड्डा जिला के बसंतराय थाना क्षेत्र में अवैध कारोबार का उजागर करने दर्जनों पत्रकार निकले हुए थे। इसी बीच बसंतराय थाना क्षेत्र में विजिट करते ही बालू माफियाओं में मची खलबली, क्षेत्र विजिट करने के दौरान करीबन रात के 12:00 बजे बालू माफियाओं ने पत्रकार के गाड़ी रोका और वीडियो बनाना शुरु कर दिया।




बताया जा रहा है की कारु झा ग्राम महेशपुर बसंतराय थाना क्षेत्र निवासी ने चलती फोर व्हीलर को ही रोक लिया , और पत्रकार के ही गाड़ी का वीडियो बनाना शुरू कर दिया ,जब पत्रकारों ने पूछा ,कि कौन हो आप और मेरे गाड़ी को रोक वीडियो क्यू बना रहे हो। तो का कारू झा का कहना हैं, की मुझे बसंतराय थाना प्रभारी विनीत कुमार के द्वारा आपकी गाड़ी को रोकने के लिए कहा गया है,



जब इस मामले में थाना प्रभारी से पूछा गया तो उन्होंने बताया कि हां हम ही उसको आदेश दिए हैं गाड़ी को चेक करने के लिए। अब आप ही बताइए साहब थाने में पुलिस प्रशासन की कमी तो नहीं हो गई है। लीजिए ना साहब पुलिस प्रशासन नहीं बल्कि अब माफिया को गाड़ी चेक करने की छुट दे रखी है प्रशासन, पत्रकार जब अवैध कारोबार को उजागर करने क्षेत्र में निकलते हैं तो पत्रकारों के पीछे माफियाओं को लगा दिया जाता है। आखिर पत्रकार के साथ कुछ अनहोनी घटना हो जाती है तो जिम्मेदार कौन होगा शासन-प्रशासन, 


दरअसल झारखंड में  NGT रोक के बाद अभी भी झारखंड के ज्यादातर जिलों में बालू का कारोबार बंद है। जबकि बसंतराय थाना में बालू का कारोबार धड़ल्ले से चल रही है। किसी भी अवैध कारोबार में स्थानीय प्रशासन की अहम भूमिका रहती है। कही न कही बालू माफियाओं को पत्रकार का गाड़ी चेक करने के लिए इसलिए छूट दे दिया गया है। की कहीं मीडिया के केमरे में सच्चाई कैद ना हो जाए, 


जब इसके बारे में बसंतराय थाना प्रभारी को सूचना दी गई तो उन्होंने बालू माफिया को थाना बुलाया और पत्रकारों के सामने माफी मंगवा कर छोड़ दिया गया। साथ ही थाना प्रभारी ने यह भी कहां की छोड़िए न खबर मत चलाइए।अब आप समझ गए होंगे कि प्रशासन और बालू माफियाओं का किस प्रकार से मिलीभगत है। 



आखिर जिले के वरीय पुलिस अधीक्षक और खनन विभाग इस प्रकार के अवैध कारोबार में कार्रवाई करने के बजाए मौन क्यों है। क्या वरीय अधिकारी के पास इसकी सूचना नहीं है या फिर उनके पास भी अवैध कालाबाजारी का पैसा जाता है। अब देखना दिलचस्प होगा कि इस मामले पर जिला के खनन विभाग व वरीय अधिकारी की नींद टूटती हैं या नहीं।

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