गोड्डा : बीते दिनों 15वें वित्त आयोग की राशि से नगर परिषद कार्यालय के द्वारा टेंडर कार्य में हुई अनियमितता मामले में उपायुक्त जीशान कमर ने दोबारा टेंडर कराने का आदेश दिया गया। जिसके बाद भ्रष्टाचारी संवेदकों एवं संलिप्त पदाधिकारियों में हड़कंप मच गया है।
ज्ञात हो कि पिछले दिनों नगर परिषद से 16 करोड़ रुपए की राशि से शहर के विकास के लिए टेंडर का निष्पादन किया गया था जहां कुछ संवेदकों द्वारा फर्जी तरीके से टेंडर में कागजात प्रस्तुत करने का आरोप लगाते हुए नगर परिषद अध्यक्ष जितेन्द्र मंडल उर्फ गुड्डू मंडल पर टेंडर मैनेज कर रिश्तेदार और करीबी को देने का आरोप लगाते हुए टेंडर में भ्रष्टाचार करने का आरोप लगा कर उपायुक्त से मामले की जांच की मांग की गई थी।
मिली जानकारी के अनुसार मामले में उपायुक्त द्वारा एक सप्ताह में उक्त आरोपों की जांच कर कार्रवाई किए जाने का आश्वासन दिया गया था। परंतु 15 दिनों बीत जाने के पश्चात जांच कार्य पूरा नहीं होने के बाद नगर अध्यक्ष द्वारा स्थानीय शहीद स्तंभ पर जांच कार्य पूरा करने की मांग को लेकर आमरण अनशन किया गया था जहां अनुमंडल पदाधिकारी ने एक सप्ताह के अंदर जांच रिपोर्ट सार्वजनिक करने का आश्वासन नगर अध्यक्ष को दिया था।
फिलहाल इस मामले में महीनों जांच के बाद उपायुक्त ने नगर परिषद के द्वारा किए गए टेंडर में अनियमितता बरते जाने का जिक्र कर टेंडर को रद्द कर दिया गया है जिससे भ्रष्टाचार में लिप्त संवेदको एवं पदाधिकारीयों के बीच हड़कंप मच गई है। इस पूरे मामले में अनुमंडल पदाधिकारी सह कार्यपालक पदाधिकारी नगर परिषद ऋतुराज ने बताया कि 15वें वित्त आयोग से शहर के विकास के लिए किए गए टेंडर को नियमानुसार ढंग से दोबारा कराया जाएगा ताकि पारदर्शिता के साथ-साथ गुणवत्तापूर्ण कार्य हो सके।
उन्होंने कहा कि इस मामले में संलिप्त अधिकारियों पर भी कार्यवाही की जाएगी तथा पूर्व में किए गए कार्यों में शिकायत मिलने पर भी जांच होगी।
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