संवाददाता : दुमका, झारखंड 


झारखंड लोक सेवा आयोग (JPSC) की परीक्षा में बबिता पहाड़िया ने सफलता हासिल कर इतिहास रच दिया है। वह संभवतः पहाड़िया जनजाति की पहली महिला हैं जो प्रशासनिक अधिकारी बनेंगी। संथाल परगना के दुमका जिले के आसनसोल गांव की रहने वाली बबिता ने JPSC की फाइनल परीक्षा में 337वीं रैंक हासिल की है।


बबिता की इस उपलब्धि से पूरे गांव में खुशी का माहौल है। आर्थिक तंगी के कारण बबिता के पास मिठाई खरीदने के पैसे नहीं थे। इसलिए उनकी मां ने सभी को चीनी खिलाकर अपनी खुशी व्यक्त की।


बबिता का परिवार अत्यंत साधारण है। उनके पिता बिंदुलाल पहाड़िया एक निजी स्कूल में हेल्पर का काम करते हैं। चार भाई-बहनों में बबिता सबसे बड़ी हैं। उनकी छोटी बहन की शादी हो चुकी है, लेकिन बबिता ने सरकारी नौकरी पाने के संकल्प के कारण अभी तक शादी नहीं की है।


शादी न करने के कारण बबिता और उनके परिवार को गांववालों और रिश्तेदारों के ताने सुनने पड़े। लेकिन वह इन बातों से कभी विचलित नहीं हुईं। वह अपने लक्ष्य के प्रति दृढ़ रहीं और निरंतर मेहनत करती रहीं।


सबसे उल्लेखनीय बात यह है कि बबिता ने अपनी पढ़ाई के लिए कभी गांव से बाहर जाने की आवश्यकता नहीं समझी। उन्होंने यूट्यूब और गूगल के माध्यम से स्वयं अध्ययन किया। खुद नोट्स बनाए और उन्हें अच्छी तरह से समझा।


बबिता ने अभावों को बहाना नहीं बनाया, बल्कि उन्हें अपनी सफलता का आधार बनाया। उनकी यह उपलब्धि न केवल उनके लिए बल्कि पूरे समाज के लिए प्रेरणादायक है।

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