पांच दिन पूर्व ट्रांसफरमर जलने से ग्रामीणों को पेयजल के लिए घोर किल्लत हो गई है।


बिजली और पानी की मांग को लेकर लोहंडिया बाजार के ग्रामीण ने मुखिया ,पंचायत समिति, जिला परिषद सदस्य ,वार्ड सदस्यसहित तमाम जनप्रतिनिधि के संयुक्त नेतृत्व में लोहंडिया साइड खनन क्षेत्र को सुबह 10:00 बजे से जाम कर दिया। ग्रामीणों ने बताया कि 5 दिन पूर्व लोहंडिया बाजार में स्थित 200 केवी का ट्रांसफार्मर जल जाने से हम ग्रामीणों को गर्मी में जीना दूभर हो गया है। लोहंडिया बाजार में राजमहल परियोजना से लोगों को पेयजल मुहैया करने के लिए पूर्व में सात बोरवेल कराया गया है ,जो बिजली से संचालित है। परियोजना के द्वारा बोरवेल कर दी गई लेकिन बिजली का कनेक्शन बोरवेल में नहीं दिया गया। 


ग्रामीणों ने झारखंड सरकार की बिजली से मजबूरी वश उसको चलाना प्रारंभ किया ।किसी कारणवश पांच दिन पूर्व ट्रांसफार्मर जल जाने से बिजली से संचालित बोरवेल बंद हो जाने से पूरे लोहंडिया बाजार में पेयजल के लिए हाहाकार मचा हुआ है। विदित हो कि लोहंडिया बाजार राजमहल परियोजना से सटे हुए हैं ।परियोजना में लोगों ने अपनी जमीन दी है ।परियोजना का धूल धुआ ध्वनि प्रदूषण सारे प्रदूषण का मारा बर्दाश्त कर रहे हैं। बावजूद लोहंडिया बाजार को बिजली मुहैया नहीं कराई गई है,यह बड़ी विडंबना  है ।आक्रोशित ग्रामीणों ने कहा कि परियोजना नियम कानून को अपने मर्जी के अनुसार ताख पर रखकर कार्य कर रही है। जबकि नियमानुसार परियोजना प्रभावित गांवों में बिजली पानी स्वास्थ्य सुविधा एवं सीएसआर के तहत कई अन्य सुविधाएं दी जानी है ,लेकिन परियोजना प्रबंधन सुविधा देने के नाम पर खाना पूर्ति कर रही है। 


ग्रामीणों ने कहा कि जब तक परियोजना प्रबंधन की ओर से परियोजना द्वारा बिजली नहीं दी जाती है तब तक लोहंडिया साइड खनन क्षेत्र पूरी तरह से जाम रहेगा। किसी भी प्रकार का खनन कार्य या मिट्टी की कटाई या डंप करने नहीं दिया जाएगा। लोहंडिया बस्ती पुनर्वास स्थल, बसडीहा पुनर्वास स्थल, डकैता पुनर्वास स्थल आदि क्षेत्र में राजमहल परियोजना की ओर से बिजली दी गई है लेकिन राजमहल परियोजना से सेट लोहंडिया बाजार को इसीएल प्रबंधन की ओर से बिजली नहीं दी जा रही है जिससे ग्रामीण आक्रोशित है और परियोजना प्रबंधन के खिलाफ जम कर नारेबाजी की है।

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