1-19 आयु वर्ग के बच्चे कृमि रोधी गोली का अवश्य करें सेवन।

गोड्डा : जिला स्वास्थ्य समिति गोड्डा के तत्वावधान में सोमवार को सिविल सर्जन सभागार में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस कार्यक्रम पर निजी विद्यालय के संचालको का एक दिवसीय प्रशिक्षण का आयोजन जिला पीसीपीएनडीटी नोडल सह प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉ० रमेश कुमार की अध्यक्षता में की गई। उन्होंने प्रशिक्षण में आए सभी शिक्षकों को बताया कि बच्चों एवं किशोर-किशोरियों को कृमि संक्रमण से बचाव व पेट के कीड़े निकालने की दवा खिलाने के लिए हर साल की तरह इस बार भी 19 अप्रैल को 'राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस' मनाया जाएगा। 


इस मौके पर समस्त आंगनबाड़ी केन्द्रों, सरकारी एवं निजी विद्यालयों, मदरसों में 01 से 19 साल के बच्चों तथा किशोर-किशोरियों को साहिया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ता और शिक्षकों द्वारा आयु अनुसार कृमिनाशक दवा (एल्बेंडाजॉल की गोली) का सेवन कराया जाएगा। किसी कारणवश इस दिन दवा के सेवन से वंचित रह जाने वालों के लिए 26 अप्रैल को मॉपअप राउंड के दिन दवा खिलाया जाएगा।


डॉ० प्रीतम कुमार दत्ता बीएलओ ने समस्त विद्यालयों के साथ-साथ अभिभावकों से अपील करते हुए कहा गया कि यह सुनिश्चित करें कि एक से 19 साल के सभी बच्चे और किशोर किशोरी दवा का सेवन अवश्य करें। कृमि मुक्ति दवा का सेवन कराने से बच्चे की रोग प्रतिरोधक क्षमता बढ़ती है तथा स्वास्थ्य एवं पोषण स्तर में भी सुधार होता है। बच्चों में खून की कमी (एनीमिया) को भी नियंत्रित किया जा सकता है। दवा खिलाते समय यह ध्यान रखना है कि दवा को चबाकर, पीसकर या चूरा बनाकर खिलाई जानी है  तथा एक से पांच साल के सभी पंजीकृत बच्चों को, छह से 19 साल तक के स्कूल नहीं जाने वाले सभी बालक-बालिकाओं को आंगनबाड़ी केंद्र पर दवा खिलाई जाएगी, जबकि छह से 19 साल तक के सभी छात्र-छात्राओं को सरकारी, सरकारी सहायता प्राप्त, प्राइवेट स्कूलों, मदरसों में शिक्षकों के माध्यम से दवा खिलाई जाएगी।


शिक्षकों एवं साहिया, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं को यह दवा अपने सामने ही खिलानी है, दवा कुछ खाकर ही खानी है। तीन साल से कम उम्र के बच्चों को यह दवा पीसकर पिलानी है जबकि तीन साल से ऊपर के बच्चों को दवा चबाकर खानी है। इस मौके पर जिला कार्यक्रम प्रबंधक लोरेंट्स तिर्की, जिला शहरी स्वास्थ्य प्रबंधक जयशंकर, डीपीएमयु समन्वयक आशीष कुमार, बीटीटी प्रहलाद कुमार, वार्ड बॉय केदार दास तथा शहर के निजी स्कूलों के शिक्षक उपस्थित थे।

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