स्टोरी

आज का दशरथ


संवाददाता - अमरेंद्र सिंह बिट्टू ( गोड्डा, झारखंड )

कर्नाटक के मलनाड क्षेत्र स्थित सेट्टिसारा गांव में एक 17 वर्षीय किशोर ने अकेले ही अपने दम पर एक कुंआ खोद दिया। पवन कुमार नामक यह किशोर कुछ दिनों से कुंआ खोदने की योजना बना रहा था। दरअसल, उसकी मां दूर से पानी ढोकर लाती थीं और यह देखकर पवन परेशान होता था। यही वजह है कि एक दिन उसने कुंआ खोदने का निर्णय कर लिया।

पवन की मां नेत्रावती सागर के एक प्रिटिंग यूनिट में काम करती हैं और पिता रसोइया का काम करते हैं। इस इलाके के लोगों को पानी के लिए आंगन में अपना अपना कुंआ है, लेकिन पवन का परिवार गरीब होने की कारण उसकी मां को दूर से ढोकर पानी लाना पड़ता था। लगातार हो रही परेशानियों को दूर करने के लिए पवन ने खुद कुंआ खोदने का बीड़ा उठाया। उसने एक स्थानीय जल विशेषज्ञ से संपर्क किया और अकेले ही लगातार 45 दिनों तक खुदाई की। 

पवन ने 26 फरवरी को खुदाई शुरू की थी और बीच में अपने परीक्षा के लिए 10 दिन कुआं खुदाई कार्य रोक दिया और फिर परीक्षा खत्म होने के उसने काम शुरू कर 20 अप्रैल को कुंआ खुदाई पूरा कर लिया। यह कुआं 55 फुट गहरा है। 

बता दें की कड़ी धूप में मिट्टी और पत्थरों की खुदाई एक मशक्कत वाला काम है। 53 फुट की खुदाई के बाद जब पानी की धार फूटी तो उसके परिवार वाले बेहद खुश हुए। करीब 2 फुट और खोदने के बाद यह काम खत्म हो गया। उसने बताया कि इस काम से वह बहुत खुश है और अब उसकी मां को पानी लाने के लिए सामुदायिक कुएं पर नहीं जाना पड़ेगा। जब वह काम से लौटकर आएगी तो उसका समय बचेगा। पवन की यह कहानी साबित करती है कि हममें से प्रत्येक में दशरथ मांझी का संकल्प छुपा हुआ है। जरूरत है अपनी क्षमता पहचानने की।

Post a Comment

Previous Post Next Post