गोड्डा : मुख्य बाजार स्थित बड़ी काली मंदिर आस्था एवं शक्ति के प्रतीक के रूप में मशहूर है। यहां सालों भर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। सच्चे मन से आराधना करने पर यहां भक्तों की मुंह मांगी मुराद पूरी होती है। वहीं काली पूजा पर लगने वाले भव्य मेले की तैयारी को लेकर कमेटी के सदस्य दिन रात लगे हुए हैं। जानकारी के अनुसार करीब 150 से भी अधिक वर्षों से यहां पूजा होता आ रहा है। बंगाल विभाजन के पूर्व में इस मंदिर की स्थापना की गई थी। हालांकि मंदिर की स्थापना को लेकर कोई सटीक जानकारी उपलब्ध नहीं हैं। लेकिन वर्ष 1906 में हुए सर्वे सेटलमेंट में काली मंदिर का उल्लेख दर्ज है एवं 1832 के खतायानी में भी काली मंदिर का जिक्र किया गया है। बड़ी काली पूजा समिति के मीडिया प्रभारी प्रीतम गाडिया ने बताया कि मंदिर के लिए शहर के ही कुछ लोगों द्वारा भूमि दान रामस्वरूप उपलब्ध कराई गई थी। जहां कच्ची मिट्टी के मंदिर का निर्माण किया हुआ था। लगभग सौ वर्षों तक मंदिर कच्ची मिट्टी के मंदिर मे ही रही। वही वर्ष 2013 में इसके जिर्णोद्धार को लेकर मुख्यालय के लोगों ने बीड़ा उठाया जहां कमेटी बनाकर भव्य मंदिर का निर्माण कराया गया।
लगभग 50 लाख की लागत से मंदिर को भव्य बनाया गया है।मंदिर कमिटी के सचिव दिलिप साह ने बताया कि बड़ी काली मंदिर के निर्माण मे तकरीबन 50 लाख के लागत का अनुमान है। इसके लिए दूर-दूर के भक्त जनों द्वारा चंदा के तौर पर राशि उपलब्ध कराई गई थी। बताया कि मंदिर निर्माण के लिए ना सिर्फ हिंदू बल्कि मुस्लिम समुदाय के लोगों ने भी बेहतर सहयोग किया है जो सामाजिक सौहार्द का एक बेहतर उदाहरण है। बताया कि मंदिर निर्माण में राजस्थान के दोसा शहर से पत्थर मंगा कर मंदिर निर्माण करवाया गया है। वही स्थापित प्रतिमा भी राजस्थान से ही मंगाई गई है।
वहीं कमिटी के अध्यक्ष अरूण टेकरीवाल ने बताया कि काली पूजा के अवसर पर लगने वाले तीन दिवसीय मेले को लेकर तैयारी जोर शोर से की जा रही है। 25 अक्टूबर को धनतेरस से ही मंदिर समेत बाजार की भव्य सजावट की जाएगी। इसके सजावट को लेकर कारीगर दिन रात लगे हुए हैं। वहीं कमिटी के मिडिया प्रभारी प्रितम गाडिया ने जानकारी देते हुए बताया की 12 नवंबर दिन रविवार दिपावली को रात्रि 9 बजे माँ काली की निशा पूजा अर्चना बंगाल के पंडित राजू चक्रवर्ती के द्वारा करवाई जाएगी। रात्रि 12 बजे बलि का कार्यक्रम किया जायेगा। 13 नवंबर सोमवार को सुबह 7 बजे से माता की पुजा अर्चना एवं 8 बजे से बली का कार्यक्रम किया जायेगा। प्रातः 10 बजे से मेला का भव्य आयोजन किया जायेगा। कमिटी के कोषाध्यक्ष प्रमोद गाडिया ने बताया की बड़ी काली मंदिर का चंदा केवल सदस्यों के सहयोग एवं मंदिर प्रांगण मे प्राप्त चंदे से ही किया जाता है। मंदिर कमिटी किसी भी महल्ले में चंदा लेने नही जाती है, कृपया बड़ी काली पुजा समिति के नाम पर किसी भी व्यक्ति को चंदा ना दे केवल मंदिर प्रांगण में ही आकर बहुमूल्य दान करे। 14 नवंबर मंगलवार को 01 बजे माता की प्रतिमा का विसर्जन किया जायेगा जिसमे सभी सादर आमंत्रित हैं। पूजा के सफल संचालन के लिए कमेटी के अध्यक्ष अरुण टेकरीवाल के साथ-साथ सदस्यों में नंदलाल साह, प्रमोद गाडिया, मनोज बजाज, दीपक बजाज, राजेश सोनी, मनोज सोनी, महेश बजाज, राजेन्द्र टेकरीवाल, गणेश जयसवाल, राजेश गाडिया, प्रदीप गाडिया, बबलू साह, देबाशीष बजाज, रवि अग्रवाल, सुमित टेकरीवाल आदि सभी सदस्य बेहतर भूमिका अदा कर रहे हैं।
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