जिससे यहां के लोगो को काफी समस्या होती है। सबसे ज्यादा परेशानी घरेलू कार्य व बच्चों के पढ़ाई लिखाई में होता है। लोगों ने बताया कि उमस भरी गर्मी के कारण जब क्षेत्र के सभी पोखर, नदी, कुआं सूख गया है तो ऐसे में ईसीएल भी लोगों को पानी के लिए खूब तरसा रहा है। ग्रामीणों ने कहा की तीन से चार दिनों पर पानी का टैंकर आती हैं। जहां लोगों को पीने के लिए शुद्ध पानी तक नहीं मिल पाता है।परियोजना द्वारा गांव में टैंकर से पानी की सप्लाई की जाती है। लेकिन इसका भी कोई समय का अता पता नहीं होता। वही कुछ दिनों पहले प्रकाशित खबर में महिलाओं द्वारा बताया गया कि टैंकर से आने वाला पानी में काफी कीचड़ होता है। जो की उस पानी को पीने से यहां के लोग बीमार पढ़ रहे है।
ईसीएल जीरो प्वाइंट से महज 200 मीटर पर निमाकला व केंदुआ गांव स्थित है। जहां रोजाना धूल मिट्टी प्रदूषण से ग्रामीण त्रस्त रहते हैं। ऐसे में बिजली पानी की समस्या से इस गांव में लोगो के लिए जीवन गुजारना मुस्कील हो चुका है। ग्रामीणों ने बताया कि बिजली पानी को लेकर पहले भी कई बार ईसीएल जाम किया गया है। लेकिन ईसीएल प्रबंधन द्वारा सिर्फ आश्वासन ही दिया जाता है। वही गांव के मंसूर अंसारी ने बताया कि जब तक बिजली पानी की समस्या का निदान नहीं होता तब तक विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा।
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